फर्जी कर छूट मामले में देश के 150 स्थानों पर आयकर छापे, कार्यालयों और आवासों की ली तलाशी

नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने सोमवार को रिटर्न (आईटीआर) में कटौती और छूट के फर्जी दावों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कर चोरी की जांच के तहत देशभर में 150 स्थानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की। टीमों ने विभिन्न राज्यों में कई कार्यालयों और घरों में तलाशी ली। यह कार्रवाई तीसरे पक्ष के स्रोतों, खुफिया जानकारी और वित्तीय आंकड़ों के विश्लेषण करने के बाद की गई।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में विभाग द्वारा हाल ही में की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाई से इन निष्कर्षों की पुष्टि हुई, जहां विभिन्न समूहों और संस्थाओं द्वारा फर्जी दावों के सबूत पाए गए। जांच में कुछ आईटीआर तैयार करने वालों और बिचौलियों द्वारा संचालित संगठित रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो फर्जी कटौतियों और छूटों का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल कर रहे थे। बोर्ड ने कहा, इन धोखाधड़ीपूर्ण दाखिलों में लाभकारी प्रावधानों का दुरुपयोग शामिल है।

यहां तक कि कुछ लोग अत्यधिक रिफंड का दावा करने के लिए लिए झूठे टीडीएस रिटर्न भी जमा करते हैं। बोर्ड ने कहा कि विश्लेषण से धारा 10 (13ए) ( मकान किराया भत्ते के तहत छूट), 80जीजीसी (राजनीतिक दलों को दिया गया योगदान), 80ई (शिक्षा ऋण पर ब्याज पर कटौती), 80डी (चिकित्सा बीमा से संबंधित कटौती), 80ईई (गृह ऋण पर ब्याज पर कटौती), 80ईईबी (इलेक्ट्रिक वाहन के लिए कटौती), 80जी और 80जीजीए (धर्मार्थ या अनुसंधान संगठनों को दिया गया योगदान), और 80 डीडीबी ( कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कटौती, आदि) के तहत उपलब्ध कटौतियों के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का पता चलता है। पिछले चार महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न अपडेट किए हैं और स्वेच्छा से 1,045 करोड़ के झूठे दावे वापस लिये हैं।

धोखाधड़ी पर होगी कड़ी कार्रवाई: सीबीडीटी
सीबीडीटी कहा कि कर विभाग अब लगातार धोखाधड़ी के दावों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है, जिसमें जुर्माना और अभियोजन के कदम शामिल हैं। डेढ़ सौ परिसरों में चल रहे सत्यापन अभियान से डिजिटल रिकॉर्ड सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है, जो इन योजनाओं के पीछे के नेटवर्क को खत्म करने और कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करेगा। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपनी आय और संचार निर्देशांक का सही विवरण दाखिल करें और अनधिकृत एजेंटों या बिचौलियों की सलाह से प्रभावित न हों जो अनुचित रिफंड का वादा करते हैं।

सीबीआई ने डीआरएम ऑफिस में की छापेमारी
लखनऊ। रेलवे में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के प्रकरण बढ़ते ही जा रहे है। बढ़ते प्रकरणों के कारण ही देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई को भी जांच में उतारना पड़ रहा है। सीबीआई ने सोमवार शाम डीआरएम आफिस में छापा मारा और उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मिशन गति शक्ति प्रोजेक्ट में तैनात महिला रेलकर्मी को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। रेलवे की इंजीनियरिंग अनुभाग में अंजुम निशा बाबू है। आरोप है कि एक बिल पास कराने के लिए महिला बाबू ने ठेकेदार से रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत सीबीआई से कर दी। इसके बाद शाम करीब चार बजे लिफाफे में नोट रखकर ठेकेदार ने महिला रेलकर्मी को डीआरएम ऑफिस के बाहर बुलाया। महिला ने जैसे ही लिफाफा पकड़ा, सीबीआई ने उसको रंगेहाथ पकड़ लिया।

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